एक सवाल : क्या 1212--1122---1122--112 बह्र हो सकती है ?
मेरे एक मित्र ने एक सवाल पूछा था कि
[A] यदि 1212---1122---1212----112 एक बह्र हो सकती है तो
[B} 1212---1122----1122-----112 बह्र क्यों नही हो सकती ?
अरूज़ के लिहाज़ से बह्र [B] नहीं हो सकती ।
दरअस्ल बह्र[A] एक नियमित बह्र है जो अरूज़ के नियमों के अनुसार बनती है और यह बह्र, बह्र ए मुज्तस की एक मुसम्मन मुज़ाहिफ़ शकल है
और इसका नाम है बह्र-ए-मुज्तस मुसम्मन मख़्बून महज़ूफ़
यानी 1212---1122---1212---112 एक नियमित बह्र है।|
यानी 1212---1122---1212---112 एक नियमित बह्र है।|
बह्र मुज्तस का बुनियादी रुक्न होता है-
[ 2212---2122]
यानी मुस तफ़अ’ लुन --फ़ाइलातुन यानी
मुज्तस की मुसम्मन शकल होती है:- 2212---2122----2212---2122
[ मुस तफ़अ’ इलुन---फ़ाइलातुन--- मुस तफ़अ’ इलुन--फ़ाइलातुन ]
2212 + ख़ब्न = मख़्बून = 1212
2122 + ख़ब्न = मख़्बून =1122
2122 + ख़ब्न + हज़्फ़ = महज़ूफ़ 112
अत: मुज्तस बह्र की मुज़ाहिफ़ शकल हो गई 1212---1122---1212---112 यानी बह्र [A] जो सवाल में है।
मगर
2212== मुस तफ़अ’ लुन/ मुसतफ़इलुन = बह्र रजज़ का बुनियादी रुक्न है
2212 में लिखने के दो रूप है--
एक तो मुतस्सिल शक्ल = जिसे मुस तफ़ इलुन= 2 2 12 [ सबब+सबब+ वतद -ए- मज्मुआ ] कर के लिखते है
दूसरा मफ़रूक शक्ल =जिसे मुस तफ़अ लुन = 2 21 2 [ सबब+ वतद मफ़्रूक + सबब ] कर के लिखते है।
अगरचे दोनों ही केस मे वज़न और तलफ़्फ़ुज़ समान ही रहता है मगर
रजज़ में मुतस्सिल शकल ही प्रयोग होती है यानी मुस तफ़ इलुन =22 12 जब कि मुज्तस वाली बह्र मे मफ़रुक वाली शकल [ 2 21 2 ] इस्तेमाल की जाती है।
और मुज्तस की इस शक्ल में वही ज़िहाफ़ लगते है जो वतद-ए-मफ़रुक वाली शकल पर लगते है और इस श्रेणी में ऐसा कोई ज़िहाफ़ नहीं है जो
2212 [ मफ़रुक ] को 1122 कर सके ।
इसीलिए बह्र [ब] नहीं बनती है । नहीं बन सकती।
एक बात और
मुस तफ़अ लुन [ 2 21 2 ] रुक्न में ’ मुआ’कब: भी है । मुआकब: को एक rider/ restriction समझ लें रुक्न के लिए।
इन rider/ restriction पर फिर कभी बात/ चर्चा करेंगे ।
नोट -आप लोगों से अनुरोध है कि अगर कहीं कुछ ग़लत बयानी हो गई हो तो निशानदिही ज़रूर फ़र्माएँ कि मैं आइन्दा ख़ुद को दुरुस्त कर सकूं~।
्सादर
-आनन्द पाठक
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